Tuesday, September 9, 2014

कोरबा में आदिवासियों पर फेरा झाड़ू

कोरबा। कोरबा में एसईसीएल की खदानों का विस्तार किया जा रहा है। इन खदानों से अब 35 की बजाय 40 मिलियन टन कोयला प्रतिवर्ष निकाला जाना है। अनुमति मिलते ही एसईसीएल ने पुलिस के सहयोग से यहां के मूल निवासियों का बलपूर्वक उन्मूलन शुरू कर दिया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की व्यापार एवं मानवाधिकार शोधकर्ता अरुणा चंद्रशेखर के मुताबिक एसईसीएल के अधिकारियों का कहना है कि उनपर पूर्व सूचना देने, विस्थापितों का पुनर्वास करने या जनसुनवाई करने की औपचारिकता लागू नहीं होती। यहां लोगों को बिना किसी पूर्व सूचना के 28 अगस्त को घर से निकाल दिया गया और घरों को मटियामेट कर दिया गया जिससे कईयों का सबकुछ खत्म हो गया है।

रूंगटा कालेज में मशरूम पर कार्यशाला

भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा भिलाई के कोहका स्थित कैम्पस में संचालित जीडी रूंगटा कॉलेज आॅफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी में मशरूम की खेती और उत्पादन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए रूंगटा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, भिलाई-रायपुर के चेयरमेन संतोष रूंगटा ने मशरूम को पौष्टिक बताया तथा से स्व-रोजगार या अतिरिक्त रोजगार का बेहतर विकल्प बताया। निदेशक प्रशासन प्रो जेपी शर्मा, प्राचार्य जीडीआरसीएसटी डॉ. कनक सिन्हा आदि ने मशरूम के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। इस अवसर पर निदेशक एचआर एण्ड प्लेसमेंट्स महेन्द्र श्रीवास्तव, ज्वाइंट सीईओ साइंस कॉलेजेस संजीव शुक्ला तथा प्रबंधक जनसंपर्क सुशांत पंडित मौजूद थे।
तीन सत्रों में आयोजित कार्यशाला में बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र दीपांकर मंडल, बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र गौतम देवांगन तथा एमएससी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा सिमरन जांगीर ने प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में विभागाध्यक्ष (प्रौद्योगिकी) अजय सिंह, वाईस प्रिंसिपल श्रीमती प्रगति शुक्ला तथा सहायक प्राध्यापक श्रीमती ज्योति कपिल नागवंशी, श्रीमती अरूंधती खण्डेलवाल, श्रीमती ममता द्विवेदी, डॉ. अरूणिमा कारकून एवं सुश्री हुमा सिद्दकी का प्रमुख योगदान रहा। संचालन बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा कीर्ति विश्वनाथन ने किया।

Monday, September 1, 2014

संतोष रूंगटा ग्रुप ने जीती लड़ाई

0 सुप्रीम कोर्ट ने की आरईसी की मान्यता बहाल
0 5 सितम्बर तक चलेगी विशेष भर्ती प्रक्रिया

भिलाई। एक लंबी कानूनी लड़Þाई लड़ने के बाद संतोष रूंगटा ग्रुप ने आरईसी की संबद्धता की लड़ाई जीत ली है। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने कालेज के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह विशेष पीईटी काउंसिलिंग के जरिए कालेज में भर्ती प्रक्रिया को पूरी करे। आरईसी की संबद्धता बहाल करने के आदेश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जे चमलेश्वर तथा जस्टिस सिकरी की डबल बेंच में आरईसी का पक्ष अधिवक्ता ऋषभ संचेती ने दमदारी के साथ रखा। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की 13 सुनवाई हुई। हालांकि मामला तीन चार सुनवाई के बाद ही साफ हो चुका था किन्तु शासन की तरफ से मामले को खींचा जाता रहा। बहरहाल समय रहते फैसला आ गया है तथा छात्रों का कीमती समय बच गया है।
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले में सोमवार को फैसला सुनाते हुए 2013-14 व 2014-15 के लिए कालेज को संबद्धता प्रदान की है। इसके साथ 232 छात्र अब पूर्ववत अध्ययन करते रहेंगे। संतोष रूंगटा समूह के इंजीनियरिंग कालेज आरईसी की संबद्धता को लेकर उठे सवाल से पिछले चार महीने से कालेज में अध्ययनरत छात्र पसोपेश में थे। इस फैसले से आरईसी के छात्रों की दूसरे कालेजों में शिफ्टिंग पर भी पूरी तरह से विराम लग गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आरईसी के लिए राज्य सरकार को विशेष पीईटी काउंसलिंग कराने के निर्देश दिए हैं। यह प्रक्रिया 5 सितम्बर तक पूरी करनी होगी।
सुखद होंगे परिणाम : सोनल रूंगटा
संतोष रूंगटा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स के डायरेक्टर सोनल रूंगटा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को छात्रहित में लिया गया निर्णय करार देते हुए कहा कि इसके दूरगामी सुखद परिणाम होंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा के हक में है तथा इससे ईमानदार शिक्षा जगत की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि हम अब पहले से भी कहीं अधिक दृढ़ संकल्प के साथ क्वालिटी टेक्नीकल एजुकेशन देने का प्रयास करेंगे। 

भिलाई में मेगा ब्लड डोनेशन कैम्प 6 से

0 1200 यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य
0 देश भर में एकत्र करेंगे सवा लाख यूनिट
भिलाई। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की दुर्ग-भिलाई इकाई द्वारा 6 सितम्बर को भिलाई में मेगा ब्लड डोनेट कैंप का आयोजन किया जा रहा है। श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस जुनवानी भिलाई तथा संतोष रूंगटा ग्रुप (आर-1) कोहका कुरुद रोड, भिलाई में होने वाले इस विशाल रक्तदान शिविर में 1200 यूनिट रक्त संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ब्लड डोनेशन कैंप चलेगा। इस दिन देशभर के तीन सौ शहरों में सात सौ से अधिक ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किए जाएंगे। इस पुनीत कार्य को व्यापक स्तर पर करने के लिए अभा तेरापंथ युवक परिषद ने बीड़ा उठाया है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान के ब्रांड अम्बेसेडर इस वर्ष विवेक ओबेराय हैं।
रक्तदान जीवन दान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई लोगों की जान बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा होता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।
संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि रक्त देने से न केवल जरूरतमंद लोगों को जीवन दान मिलता है, बल्कि रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है। 18 से 60 वर्ष की आयु के स्वस्थ्य व्यक्ति जिनका वजन 45 किलो से ऊपर है वो 250 मिली लिटर रक्त दे सकते हैं। तीन महिने में कोई भी एक बार रक्तदान कर सकता है। पदाधिकारियों ने बताया कि गत 17 सितम्बर 2012 को देशभर से अभा तेरापंथ युवक परिषद द्वारा 96600 यूनिट ब्लड कलेक्ट किए गए। वहीं इस बार पूरे देश में एक लाख 25 हजार यूनिट रक्तदान का लक्ष्य रखा गया है। रक्तदान से संबंधित सभी  जानकारी के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन डेटा बैंक भी बनाया जा रहा है, जिसमें ब्लड ग्रुप के नाम सहित सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध होगी। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 09268607080 पर संपर्क किया जा सकता है या www.abtypmbdd.com पर लाग इन कर सकते हैं।