Tuesday, September 9, 2014

कोरबा में आदिवासियों पर फेरा झाड़ू

कोरबा। कोरबा में एसईसीएल की खदानों का विस्तार किया जा रहा है। इन खदानों से अब 35 की बजाय 40 मिलियन टन कोयला प्रतिवर्ष निकाला जाना है। अनुमति मिलते ही एसईसीएल ने पुलिस के सहयोग से यहां के मूल निवासियों का बलपूर्वक उन्मूलन शुरू कर दिया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की व्यापार एवं मानवाधिकार शोधकर्ता अरुणा चंद्रशेखर के मुताबिक एसईसीएल के अधिकारियों का कहना है कि उनपर पूर्व सूचना देने, विस्थापितों का पुनर्वास करने या जनसुनवाई करने की औपचारिकता लागू नहीं होती। यहां लोगों को बिना किसी पूर्व सूचना के 28 अगस्त को घर से निकाल दिया गया और घरों को मटियामेट कर दिया गया जिससे कईयों का सबकुछ खत्म हो गया है।

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