Friday, May 3, 2013

राजकीय सम्मान के साथ सरबजीत की अंत्येष्टि

बहन दलबीर ने दी मुखाग्नि

भिखीविंड। सरबजीत सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ पंजाब स्थित उनके पैतृक गांव भिखीविंड में कर दिया गया। सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर, बेटियों स्वप्नदीप और पूनम की मौजूदगी में उनकी बहन दलबीर कौर ने उन्हें मुखाग्नि दी। माहौल काफी गमगीन था और वहां हजारों की तादाद में मौजूद लोगों की आंखें नम थीं। पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी ने पहले अपने शस्त्रों को पलटा और फिर हवाई फायरिंग कर 49 साल के सरबजीत को आखिरी सलामी दी।

राष्ट्रीय शहीद घोषित किया

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा ने अपने विशेष सत्र के दौरान सर्वसम्मति से सरबजीत सिंह को राष्ट्रीय शहीद घोषित कर दिया। सदन ने सरबजीत पर हुए जानलेवा हमले की किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा पेश प्रस्ताव में केंद्र से अपील की गई है कि वह इस बर्बर हमले के कारणों का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाए।

सिर पर लगी चोट बनी जानलेवा

लाहौर। सरबजीत सिंह के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसके सिर में लगी चोट की वजह से बहुत ज्यादा अंदरूनी रक्तस्राव हुआ था। जिस मेडिकल बोर्ड ने सरबजीत के शव की आॅटोप्सी की थी उसके एक सदस्य ने बताया ‘ऐसा लगता है कि सरबजीत सिंह के सिर के ऊपरी हिस्से में लगी पांच सेमी चौड़ी चोट उसके लिए जानलेवा साबित हुई चेहरे, गर्दन और हाथों में जो चोटें मिलीं वह मामूली थीं। बोर्ड ने प्लीहा, गुर्दे, जिगर, बड़ी आंत और मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के नमूने फारेन्सिक विश्लेषण के लिए भेजे हैं। वहीं एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना था। पंजाब फोरेन्सिक साइंस एजेंसी से परीक्षण के नतीजे मिलने के बाद आटोप्सी की विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी।

बेमौत शहीद हो गया सरबजीत

सरबजीत की मौत को लेकर पूरे देश में गुस्से की लहर है। आरोप है कि एक सोची-समझी साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है। क्लिक कीजिए और आगे पढ़िए वो 6 बातें जिनसे साबित होता है कि पाकिस्तान ने सरबजीत के साथ न्याय नहीं किया...
सरबजीत सिंह का केस मिसटेकन आइडेंटिटी यानी गलत पहचान का था। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने कोर्ट के सामने उसे मनजीत सिंह के नाम से पेश किया था जो कि पाकिस्तान में आतंक फैलाने की कोशिशों के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार था।
सरबजीत की पहचान कभी आइडेंटिफाई या कोर्ट में साबित ही नहीं की जा सकी थी। न ही पाकिस्तान के पास कोई पुख्ता फोरेंसिक सबूत थे जो बम धमाके से उसका संबंध साबित कर पाते।
केस की सुनवाई अंग्रेजी में की जाती थी जबकि सरबजीत अंग्रेजी बोल और समझ नहीं पाता था। यहां तक कि उसे कोई अनुवादक भी नहीं दिया गया था। यानी, कोर्ट में क्या चल रहा है वह कुछ भी समझने में असमर्थ था।
सरबजीत पर की जा रही कानूनी कार्रवाई की सचाई पर कई गंभीर प्रश्न उठते थे। आरोप लगाए गए थे कि सरबजीत को पाकिस्तान की जेल में बुरी तरह टॉर्चर किया जाता था और गुनाह कुबूल करने के लिए उसपर दबाव डाला जाता था।
सरबजीत के केस का ट्रायल काफी संदेहास्पद था। ट्रायल फास्ट ट्रैक रखा गया था और प्रमुख गवाह बार-बार अपने बयान बदलता रहता था।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 2008 में ही सरबजीत की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी, लेकिन उसे कभी आजाद नहीं किया गया जबकि सरबजीत की सेल के बाकी सभी कैदियों को छोड़ दिया गया।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ जेल की सलाखों के पीछे कुछ वक्त बिताने वाले एक पूर्व भारतीय जासूस का मानना है कि सरबजीत की मौत के पीछे करक का हाथ है।


जम्मू जेल में पाकिस्तानी कैदी पर हमला, हालत गंभीर

जम्मू। जम्मू की कोट बलावल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे एक 52 वर्षीय पाकिस्तानी कैदी सानुल्ला पर शुक्रवार सुबह हमला किया जिसके उसकी हालत गंभीर बताई जाती है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जेल अधीक्षक रजनी सहगल को निलंबित कर घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। सानुल्ला को सिर पर चोटें आई हैं और उसकी हालत गंभीर है। सानुल्ला को पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल किया गया जहां से उसे एयर एम्बुलेंस के जरिए पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया गया। सानुल्ला को अप्रैल 1999 में आतंकी गतिविधियों से संबंधित पांच मामलों में गिरफ्तार किया गया था।

जेल अधीक्षक निलंबित, जांच के आदेश

जम्मू कश्मीर के गृहमंत्री सज्जाद किचलू ने बताया, घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जेल अधीक्षक रजनी सहगल और अन्य कर्मियों को निलंबित कर दिया है।

सरबजीत की मौत का बदला!

भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत की खबर के एक दिन बाद यह घटना हुई है। सरबजीत पर पाकिस्तान के कोटलखपत जेल में छह कैदियों ने हमला किया था। सरबजीत कोमा में चला गया था तथा बुधवार देर रात उसने आखिरी सांसें लीं। पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता एजाज अहमद चौधरी ने हमले को सरबजीत सिंह की मौत का स्पष्ट तौर पर बदला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह निन्दनीय है।
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