Friday, May 3, 2013

यूपीएससी में फिर बेटियों का वर्चस्व



  • हरिता कुमार ने किया टॉप
  • टॉपर्स में से आधी लड़कियां
  • प्रथम 25 में छत्तीसगढ़ से कोई नहीं

नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2012 के अंतिम नतीजे घोषित कर दिए हैं। प्रथम स्थान पर केरल की हरिता वी कुमार है। लगातार तीसरे साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में किसी महिला उम्मीदवार को पहला स्थान मिला है। इस बार टॉप 10 में 5 लड़कियां शामिल हैं।
यूपीएससी की ओर से घोषित नतीजों के मुताबिक, साल 2011 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद) की प्रशिक्षु अधिकारी हरिता वी कुमार को सिविल सेवा परीक्षा 2012 में पहला स्थान मिला है। सामान्य, अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणियों में भी महिला उम्मीदवारों ने ही पहला स्थान प्राप्त किया है।
यह है टॉप 10
पहले स्थान पर केरल की हरिता वी कुमार रोल नं.- 075502, दूसरे स्थान पर केरल के ही श्रीराम वी रहेरी राम रोल नं.- 494891, तीसरे स्थान पर दिल्ली की स्तुति चरण रोल नं- 038970, एल वी जान वर्गिस - 072170, रुचिका कात्याल- 021963, अरूण थम्पू राजा ए 522630, टी प्रभू शंकर - 490683 , बंदना - 029178, चांदनी सिंह - 318892, आशीष गुप्ता -022927।
20 साल के अंतराल के बाद केरल के किसी स्टूडेंट ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में टॉप किया है। इस परीक्षा में कुल 998 उर्तीण हुए हैं जिनमें 180 को आईएएस रैंक, 20 को आईएफएफ रैंक और 150 को आईपीएस रैंक मिला है। बयान में कहा गया, शीर्ष 25 उम्मीदवारों में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के निवासी हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के उम्मीदवार हैं।
शीर्ष 25 उम्मीदवारों की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी काफी अलग-अलग है। किसी के माता-पिता किसान हैं तो किसी के माता-पिता शिक्षक, व्यापारी, सरकारी कर्मी, डॉक्टर, वकील, प्रोफेसर या सिविल सेवक हैं।  इनमें छह ने पहले प्रयास, नौ ने दूसरे प्रयास, आठ ने तीसरे, और एक-एक ने चौथे और छठे प्रयास में सफलता प्राप्त की।

हरिता वी कुमार

केरल की हरिता ने आईएएस परीक्षा टॉप किया है। हरिता कुमार के लिए यह चौथी और आखिरी कोशिश थी। वह अभी दिल्ली के निकट फरीदाबाद में भारतीय राजस्व अधिकारी (आईआरएस) का प्रशिक्षण ले रही हैं। वह पेशे से इंजीनियर हैं। उन्होंने कहा, ‘पहली कोशिश में मैं सफल नहीं रही, दूसरी कोशिश में मुझे 179 वां स्थान मिला और मैं भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गई, लेकिन मैंने आईआरएस चुना, तीसरी कोशिश में मुझे 290 वां स्थान मिला और इस बार मुझे वह मिल गया, जिसकी मुझे तलाश थी। मैं दिल से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनना चाहती थी।’ परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में उन्होंने अर्थशास्त्र और मलयालम भाषा का चुनाव किया था।

एल वी जान वर्गिस 

चौथे स्थान पर रहे वर्गीज एनार्कुलम जिले में केरल सरकार की सेवा में चिकित्सा अधिकारी हैं। वर्गीज ने कहा, ‘यह मेरी पहली कोशिश थी, मैंने पिछले साल जनवरी में तैयारी शुरू की थी। वैकल्पिक विषयों के रूप में मैंने मेडिसीन और मलयालम लिया था। इस परीक्षा में रटने से कुछ हासिल नहीं होता है। कड़ी मेहनत से ही मैंने अपने बचपन के सपने को साकार किया है।’

स्तुति चरण

तीसरे पायदान पर रहीं दिल्ली की स्तुति चरन का सिविल सेवा परीक्षा के लिए यह तीसरा प्रयास था। जोधपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाली स्तुति ने इससे पहले भी लगातार दो साल तक सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुई, लेकिन उम्मीद के मुताबिक सफलता न मिलने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत की, जिसमें बलबूते उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। इसके अलावा उन्होंने आईआईपीएम दिल्ली से कार्मिक और विपणन प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी प्राप्त किया।
read more at www.sundaycampus.com

No comments:

Post a Comment