Friday, May 3, 2013

प्राण को दादा साहेब फाल्के सम्मान

पान सिंह को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार

राजा हरिशचंद्र के प्रदर्शन को बीते 100 साल

नई दिल्ली। एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर की कहानी पर बनी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। इसी फिल्म के लिए इरफान खान को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए जिसमें मराठी और मलयालम फिल्मों का दबदबा रहा।
बीते जमाने के मशहूर खलनायक और चरित्र अभिनेता प्राण को दादा साहेब फाल्के सम्मान दिया गया। स्वास्थ्य के चलते वे स्वयं नहीं आ सके। इस मौके पर उनके परिवार का संदेश स्क्रीन पर दिखाया गया।
भारत की पहली फिल्म ‘राजा हरीशचंद्र’ आज ही के दिन सौ साल पहले प्रदर्शित हुई थी। इस मौके पर मुखर्जी ने 50 विशेष डाक टिकट भी जारी किए। सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी और सूचना प्रौद्योगिकी तथा संचार मंत्री कपिल सिब्बल भी मौजूद थे।
पान सिंह तोमर के निर्देशक तिगमांशु धूलिया को स्वर्ण कमल और ढाई लाख रुपए दिए गए। अभिनेता विक्रम गोखले को मराठी फिल्म ‘अनुमति’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया। वहीं उषा जाधव को मराठी फिल्म ‘धग’ के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और इसी फिल्म के निर्देशक शिवाजी पाटिल को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया। ‘विकी डोनर’ और मलयालम फिल्म ‘उस्ताद होटल’ को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया। निर्माता जान अब्राहम को दर्शकों से सबसे ज्यादा तालियां मिली।
‘विकी डोनर’ के कलाकारों अन्नू कपूर और डॉली आह्लूवालिया ने सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता और सह अभिनेत्री का पुरस्कार लिया। डॉली के साथ सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार मलयालम फिल्म ‘तानीचल्ला नजान’ के लिए अभिनेत्री कल्पना को मिला।
निर्देशक सुजॉय घोष को हिन्दी फिल्म ‘कहानी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा लेखक घोषित किया गया। ‘कहानी’ को दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार नम्रता राव ने सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए दिलाया।
‘ओह माई गॉड’  के लिए उमेश शुक्ला और भावेश मंडालिया को सर्वश्रेष्ठ रूपांतरित पटकथा का पुरस्कार दिया गया। वेदव्रत पेन की पहली हिंदी फिल्म ‘चटगांव’ और  सिद्धार्थ शिवा की मलयालम फिल्म ‘101 चोडियांगल’ को सर्वश्रेष्ठ प्रथम फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार दिया गया।
‘चटगांव’ के ‘बोलो ना’ गीत के लिए प्रसून जोशी को सर्वश्रेष्ठ गीतकार जबकि शंकर महादेवन को सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का पुरस्कार मिला। मराठी फिल्म ‘संहिता’ के गीत ‘पलकें ना मुंदूं’ के लिए आरती अंकलेकर टिकेकर को सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका का पुरस्कार दिया गया।
ज्यूरी के विशेष पुरस्कारों में आमिर खान अभिनीत ‘तलाश’, ‘गैंग्स आॅफ वासेपुर’, ‘कहानी’ और ‘देख इंडियन सर्कस’ के अलावा बांग्ला फिल्म ‘च्रिदांगदा’ के साथ को पुरस्कार दिए गए।
‘उस्ताद होटल’ के लिए अंजलि मेनन ने सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का पुरस्कार पाया। ‘तनीचल्ला नजान’ ने सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री के साथ राष्ट्रीय एकता श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का नरगिस दत्त पुरस्कार भी पाया। नशाखोरी पर बनी मलयालम फिल्म ‘स्पिरिट’ को सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला।
हिंदी फिल्म ‘देख इंडियन सर्कस’ को सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म और इसके कलाकार वीरेंद्र प्रताप ने सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेता का खिताब ‘101 चोडियांगल’ के साथ साझा किया। निखिल आडवाणी निर्देशित ‘डेल्ही सफारी’ को सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म का पुरस्कार मिला।
कमल हासन की विवादास्पद फिल्म ‘विश्वरूपम’ ने सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन का खिताब अपने नाम किया। इसी फिल्म के लिए पंडित बिरजू महाराज ने सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशक का पुरस्कार भी पाया।
तमिल फिल्म ‘परदेसी’ के लिए पूर्णिमा रामास्वामी को सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा डिजाइनर जबकि तमिल फिल्म ‘वजाक्कुएन 18 बटा 9’ के लिए राजा ने सर्वश्रेष्ठ मेकअप आर्टिस्ट का पुरस्कार दिया गया।
सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार ‘को: वाईएडी: को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ आॅडियोग्राफी का पुरस्कार मलयालम फिल्म ‘अन्यम रसूलम’, ‘शब्दो’ और ‘गैंग्स आॅफ वासेपुर’ को मिला। मलयालम फिल्म ‘कलियांचन’ और मराठी फिल्म ‘संहिता’ ने सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का पुरस्कार अपने नाम किया। तेलगू फिल्म ‘ईगा’ ने सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव का खिताब अपने नाम किया।
मलयालम फिल्म ‘ओझिमुरी’ के लिए अभिनेता लाल, कन्नड़ फिल्म ‘भारत स्टोर्स’ के लिए एच जी दत्तात्रेय, हिंदी फिल्म ‘इशकजादे’ के लिए परिणीति चोपड़ा, असमिया फिल्म ‘बांधो’ के लिए बिष्णु खड़गोरिया, हिंदी फिल्म ‘देख इंडियन सर्कस’ के लिए तनिष्ठा चटर्जी, मराठी फिल्म ‘धग’ के लिए हंसराज जगताप और मलयालम फिल्म ‘उस्ताद होटल’ के लिए दिवंगत अभिनेता तिलकन के नाम का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया।
बीडी गर्ग कोे अंग्रेजी में लिखित ‘साइलेंट सिनेमा इन इंडिया-ए पिक्टोरियल जर्नी’ के लिये सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार दिया गया। हाल ही में गर्ग का निधन हुआ है। जबकि मलयालम लेखक पी एस राधाकृष्णन और पीयूष रॉय के नाम का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया।
फीचर फिल्म की 11 सदस्यीय ज्यूरी के अध्यक्ष वरिष्ठ फिल्मकार बासु चटर्जी थे जबकि गैर फीचर फिल्म ज्यूरी की अध्यक्ष अरुणा राजे थी। कार्यक्रम का संचालन अभिनेता आर माधवन और अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने किया।
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