Saturday, July 13, 2013

हनुमानजी लंका से लेकर आए थे आम

आम की चटनी, आम की खटाई और पके आम का स्वाद याद कीजिए, यकीनन मुंह में पानी आ गया होगा। शायद कुछ ऐसा ही आज से कई हजार साल पहले राम भक्त हनुमान जी के साथ हुआ होगा। अगर हनुमान जी की ऐसी हालत नहीं हुई होती तो शायद भारत में आम का पेड़ नहीं होता और पड़ोसी देश से आम खरीदकर मंगाया जाता है। भारत में आम के आने की घटना का संबंध रामायण से है। रामायण की कथा के अनुसार रावण जब सीता का हरण करके लंका ले गया तब सीता की खोज में राम जी ने हनुमान को लंका भेजा।
हनुमान जी समुद्र पार करके रावण की नगरी लंका पहुंचे। इन्हें पता चला कि रावण ने माता सीता को आशोक वाटिका में रखा हुआ है। आशोक वाटिका में पहुंचकर हनुमान जी सीता से मिले और यहां के फलों को देखकर इनके मुंह में पानी आ गया। माता सीता से आज्ञा लेकर हनुमान जी फलों को खाने लगे। लेकिन जब हनुमान जी ने आम खाया तो इसके अद्भुत स्वाद से तृप्त हो गए।
इनके मन में विचार आया कि यह अद्भुत फल भगवान राम को भेंट किया जाए। इसलिए लंका दहन करने के बाद जब वापस लौटने लगे तो तब एक बड़ी सी गठरी में आम को बांधकर अपने साथ ले आए। हनुमान जी ने लंका में किस तरह से माता सीता रहती हैं यह सब हाल बताया। इसके बाद प्रेम पूर्वक अपने साथ लाए हुए आम भगवान को भेंट किया। 
श्रद्धा और प्रेम पूर्वक हनुमान जी द्वारा लाए गए फल को खाकर भगवान राम भी आनंदित हो गए। राम सहित लक्ष्मण जी ने भी आम के मीठे स्वाद का आनंद लिया और गुठलियों को फेंक दिया। इन गुठलियों से आम का पौधा जन्म लिया और समय के साथ देश के विभिन्न भागों में इसका विस्तार होता गया।
भगवान राम के जूठे गुठलियों से आम का पेड़ भारत में जन्मा है इसलिए आम को भगवान राम का प्रसाद भी माना जाता है। माना जाता है कि जब आम के पेड़ पर फल लग जाता है तब इस पर हनुमान जी का निवास होता है। इसलिए बुरी शक्तियां आम के पेड़ के आस-पास से दूर रहती हैं।
इसलिए मांगलिक कार्यों से जुड़ा आम
आम के पत्ते मांगलिक कार्य के दौरान बड़े ही शुभ माने जाते हैं। इसके बिना कोई भी शुभ कार्य पूरा नहीं होता है चाहे गृह प्रवेश हो, विवाह अथवा पूजन। गृह प्रवेश एवं हवन के मौके पर तो आम के पत्तों का तोरण भी लगाया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार आम हनुमान जी का प्रिय फल है। इसलिए जहां भी आम और आम का पत्ता होता है वहां हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है। इसलिए बुरी शक्तियां एवं नकारात्मक ऊर्जा शुभ कार्य में बाधा नहीं डाल पाती हैं। आमतौर जब आप किसी उत्सव अथवा पूजा-पाठ का आयोजन करते हैं तब चिंता और तनाव बढ़Þ जाता है कि काम सफलतापूर्वक पूरा हो पाएगा या नहीं। आम के पत्तों में मौजूद विभिन्न तत्व चिंता और तनाव को दूर करने में सहायक होते हैं। इसलिए भी मांगलिक कार्यों में आम के पत्तों का प्रयोग किया जाता है।
डायबिटीज में गुणकारी आम का पत्ता
वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार आम का पत्ता गुणों की खान है। इसके पत्तों में डायबिटीज को दूर करने की क्षमता है। कैंसर और पाचन से संबंधित रोग में भी आम का पत्ता गुणकारी होता है। 

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