Sunday, April 28, 2013

एनॉलजिन पर एक माह में लगाएं प्रतिबंध


एनॉलजिन पर एक माह में लगाएं प्रतिबंध

संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट
नई दिल्ली। पूरे विश्व में प्रतिबंधित की जा चुकी दवा एनॉलजिन पर भारत में भी रोक लगाए जाने की सिफारिशों के बावजूद देश में इसकी निर्बाध बिक्री पर संसद की एक समिति ने भारी रोष जताया है और एक महीने में इस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में फैसला करने को कहा है। संसदीय समिति की रिपोर्ट 26 अप्रैल को पेश हुई है।
समिति ने कहा, देश में फार्मेकोविजिलेंस की लगभग अस्तित्वहीनता की स्थिति में एनॉलजिन को तथाकथित ‘फोकस्ड फार्मेकोविजिÞलेंस’ में रखना और कुछ नहीं बल्कि ध्यान भटकाने का तरीका है, ताकि विनिर्माताओं के लाभ के लिए इस दवा को देश में बेचा जा सके।
मंत्रालय द्वारा अपनी बात से करीब-करीब पूरी तरह से पलट जाने से हैरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति ने कहा, यह दवा आवश्यक औषधी की राष्ट्रीय सूची में भी सूचीबद्ध नहीं है। इस पर प्रतिबंध लगाने में नौकरशाही विलंब और एक समिति से दूसरी समिति को बार-बार मामले को भेजने से मरीजों को नुकसान हो रहा है।
समिति ने कहा कि वर्तमान नियमों के अनुसार किसी भी दवा को असुरक्षित पाए जाने पर नियम 26 (क) के अंतर्गत उसे प्रतिबंधित किया जा सकता है, चाहे बाजार में उसके लिए अधिक सुरक्षित दवाएं शुरू की जाती हैं या नहीं। वैसे, भारतीय बाजार में बड़ी संख्या में वैकल्पिक एनलजेसिक्स, एंटी-पाइरेटिक्स उपलब्ध हैं।

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