Sunday, April 28, 2013

चौथाई भारत मरूस्थलीकरण की चपेट में


नई दिल्ली। तमाम तरह की कवायदों के बावजूद भारत का एक चौथाई से ज्यादा भौगोलिक क्षेत्र मरूस्थल में बदलता जा रहा है।
मरूस्थलीकरण पर रोक के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन में पेश पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का भौगोलिक क्षेत्र 32.8 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें भू-क्षरण और सूखा जारी है। मरूस्थलीकरण, भू-क्षरण और सूखा (डीएलडीडी) से 7,91,475 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित हुआ है जिसके दायरे में देश के सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश आते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में भू-क्षरण पर्यावरण के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, देश में भू-क्षरण की समस्या से तकरीबन 10.54 करोड़ हेक्टयर भूमि प्रभावित हुई है जो कि भारत के कुल भूमि क्षेत्र का 32.07 प्रतिशत है। भारत में कुल 32.8 करोड़ हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र है जिसमें से 22.83 करोड़ हेक्टेयर (करीब 69.6 प्रतिशत) शुष्क भूमि है।
नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भूमि इस्तेमाल योजना, कचरा और भूमि क्षरण प्रबंधन तथा जल संसाधन के उचित इस्तेमाल को लेकर अभी भी कई चुनौतियां हैं। समस्या से निपटने के लिए भारत ने वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रीन इंडिया मिशन सहित कई कदम उठाए हैं।

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