Sunday, April 28, 2013

चीनियों से बेहतर होते हैं हिन्दुस्तानी



  • प्रबंधकीय गुणों से भरपूर और आत्मविश्वास से लबरेज
  • आत्म मूल्यांकन में फिसड्डी होते हैं भारतीय प्रबंधक

मुंबई। अपने चीनी समकक्षों से भारतीय प्रबंधक कहीं बेहतर होते हैं। उनमें न केवल आत्मविश्वास अधिक होता है बल्कि प्रबंधकीय गुणों में भी वे बेहतर होते हैं। 'फाइंडिंग द ग्लोबल फर्स्ट रंग रीसर्च' शीर्षक से हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।
टैलेंट मैनेजमेंट एक्सपर्ट डीडीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक,'भारत का 41 प्रतिशत नेतृत्व शुरुआत से ही बेहद आत्मविश्वासी होता है। 81 प्रतिशत ऐसे होते हैं जो यह मानते हैं कि दायित्व मिलने के छह महीने के भीतर वे कारगर साबित होंगे। चीन में मात्र 61 फीसद मैनेजर ही ऐसे हैं जो भरोसा करते हैं कि वे अपने शुरुआती छह महीने के कार्यकाल में जिम्मेदारी निभा सकते हैं। डेवलेपमेंट डायमेंशंस इंटरनेशनल ने चीन और भारत के 1373 अग्रणी नेतृत्वकर्ताओं पर किए सर्वेक्षण के आधार पर यह बात कही है। सर्वेक्षण में खास तौर पर भारत में आत्म मूल्यांकन की कमी पाई गई।
सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 80 प्रतिशत चीनी मैनेजर अपनी गलतियों से नेतृत्व करने के गुण सीखते हैं। जबकि भारतीय मैनेजर अनुभवों और एमबीए कार्यक्रम पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में नया नेतृत्व पहले साल काफी संघर्ष करता है। 69 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनके मैनेजर के पास जानकारी है और वे उनके विकास में सहायक हैं। वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनके मैनेजर उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि यह नया नेतृत्व प्रतिक्रियाओं से काफी निराश रहता है।

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