Sunday, April 28, 2013

एक क्लिक पर मिलेगा आतंकी का इतिहास

अब नहीं होगी लियाकत-भटकल वाली गलती

नई दिल्ली। भारत के पास अब ऐसा केन्द्रीकृत एवं संपूर्ण डाटाबेस है, जिसमें आतंकवादियों, आतंकी वारदात और आतंकी संगठनों के बारे में नवीन जानकारी उपलब्ध है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों और पुलिस के पास अब ऐसा डाटाबेस है जो पिछले लगभग एक महीने से काम कर रहा है।
ऐसे डाटाबेस के अभाव के कारण ही हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी लियाकत अली शाह को लेकर विवाद खड़ा हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल कोलकाता पुलिस के हाथों रिहा हो गया था। यदि आतंकवादी सूचना प्रणाली (टीआईएस) होती तो चार साल पहले भटकल को कोलकाता पुलिस ने रिहा नहीं किया होता। उसे जाली नोट के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
आतंकवादी सूचना प्रणाली (टीआईएस) की शुरुआत से सारे राज्य और केन्द्र आतंकवादियों से जुड़ी सूचना एक ही जगह ले-दे सकेंगे। राज्यों से उम्मीद की गयी है कि वे इस वेबसाइट पर आतंकी वारदात के बारे में पूरा ब्यौरा देंगे ताकि कोई अन्य राज्य या केन्द्र केवल एक क्लिक पर सारी जानकारी हासिल करने की स्थिति में रहे।
कैसे जुड़ेंगे राज्य?
हर राज्य को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया गया है। एनआईए को भी पासवर्ड दिया गया है। इस पोर्टल पर आतंकवादियों और आतंकी गतिविधियों से जुड़ी हर जानकारी होगी। मोबाइल के जरिए भी वेबसाइट से जुड़ा जा सकता है। टीआईएस को इस तरह डिजाइन किया गया है कि हर राज्य की खुफिया एजेंसी या सुरक्षा एजेंसी अलग अलग आईडी और पासवर्ड के जरिए इसे खोल सकती है।
क्या-क्या होगा साइट पर?
वेबसाइट पर आतंकवादियों के फोटो, फिंगरप्रिंट और उनके द्वारा अंजाम दी गई आतंकी वारदात का ब्यौरा होगा। मुकदमे की स्थिति, अपील की स्थिति, आत्मसमर्पण का आवेदन यदि कोई है और वित्तीय लेनदेन से जुड़ी पूरी जानकारी मुहैया होगी। राज्य पोर्टल को प्रतिदिन अपडेट करेंगे।


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